Stock Market में ट्रेडर्स और इन्वेस्टर अक्सर शेयर खरीदते और बेचते समय CNC, MIS, NRML आदि शब्दों का सामना करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि CNC, MIS, NRML यह सभी product codes होते हैं जिनका उपयोग शेयर मार्केट में निवेशकों के आर्डर के टाइप को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
ऑर्डर को अलग करने के लिए सभी buy और sell ऑर्डर को अलग-अलग product types में विभाजित किया गया है।
ये 5 प्रकार के product types होते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- MIS (Margin Intraday Square Off)
- CNC orders (Cash and Carry)
- NRML orders (Normal Margin)
- Cover Orders
- Bracket Orders
इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि MIS Meaning in Trading क्या होता है, MIS order Example (MIS order कैसे काम करता हैं?), यह भी आपको उदाहरण सहित समझाएंगे।
इसके साथ ही हम आपको What is CNC (CNC क्या होता हैं) और Difference between CNC and MIS (CNC और MIS में क्या अंतर हैं?) भी समझाएंगे।
MIS Meaning in Trading
MIS एक शॉर्ट फॉर्म होता हैं Margin Intraday Square Off का।
यह आमतौर पर एक product code होता है, जिसका उपयोग ट्रेडर्स Intraday trading में equity और commodities में trading के लिए करते हैं।
MIS code के जरिए किए गए सभी Intraday Trades भारतीय समयानुसार 3:15 PM पर automatically Square Off हो जाते हैं।
What is MIS (MIS क्या होता हैं?)
अभी हमने आपको बताया कि MIS Meaning in Trading होता है Margin Intraday Square-Off. जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि यह एक ऐसी सुविधा है जिसका उपयोग ट्रेडर्स intraday trading के लिए कर सकते हैं।
MIS में आप सभी trading segments जैसे- cash, index options, derivatives और commodity futures में ट्रेड कर सकते हैं।
MIS कि सहायता से आप अपने trading account में available fund से अधिक धनराशि से भी trade कर सकते हैं।
MIS ऑर्डर के तहत खरीदे गए शेयरों को आप next day तक carry forward नहीं कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति MIS कोड का उपयोग करके किसी कंपनी के 100 शेयर खरीदता है, तो उसे same day ही दोपहर 3:15 बजे से पहले ही इन शेयरों को बेचना पडेगा। अन्यथा, उसकी position, automatically squared off कर दी जायेगी Broker के द्वारा, फिर चाहे उस व्यक्ति को लिये गये trade में profit हो रहा हो या नहीं हो रहा हो।
इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति MIS कोड का उपयोग करके किसी भी कंपनी के 100 शेयरों को short-sell करता है, तो उसे same day ही दोपहर 3:15 बजे से पहले सभी शेयरों को repurchase करके उस position को square off करना होगा, ऐसा न करने पर position को Broker के द्वारा automatically squared off कर दिया जायेगा।
यदि ट्रेड करने वाले व्यक्ति के Trading Account में पर्याप्त funds हैं, तो उसके पास लिए गए MIS order को निर्धारित cut-off time से पहले CNC में कन्वर्ट करने का विकल्प होता है।
SEBI के नवीनतम नियमों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने क्लाइंट से अग्रिम आधार पर Value at Risk (VAR) और Extreme Loss Margin (ELM) collect कर लेना चाहिये।
MIS order Example (MIS order कैसे काम करता हैं?)
MIS order Example को हम आपको एक उदाहरण देकर समझाते हैं। मान लीजिए, आपने किसी trading day को सुबह Reliance Industries के 100 shares ‘MIS’ ऑप्शन चुन करके खरीदें।
अब चूँकि आपने यह शेयर MIS से खरीदे हैं, तो आपको Same day को ही इन शेयर्स को 3:20 PM बजे से पहले बेचना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका Stock Broker आपकी Position को automatically squared off कर देगा 3:20 PM पर, यानी कि स्टॉक मार्केट बंद होने से 10 मिनट पहले।
बहुत सारे लोग ‘leverage’ के कारण ‘Intraday’ trading को ज्यादा पसंद करते है।
अगर बहुत आसान शब्दों में समझे, तो ‘leverage’ का मतलब होता हैं ‘आपके पास जितना पैसा है उससे ज्यादा पैसे का इस्तेमाल करना’।
उदाहरण के लिए, मान लो, Reliance Industries के शेयर की मौजूदा कीमत ₹1976 है।
अब यदि आप अपने Demat Account में ₹10,000 जमा करते हैं, तो आप केवल 5 शेयर ही खरीद सकते हैं।
हालांकि, ‘MIS’ विकल्प के साथ, ब्रोकर(Zerodha) आपको trading के लिए अधिक पैसे देता है। इसलिये आप रिलायंस के 46 शेयर खरीद सकते हैं, जब तक की आप इसे same day को market बंद होने के समय से पहले बेच देते हैं।
इसलिए आप अपने डिमैट अकाउंट में ₹10000 जमा करके भी ‘MIS’ option की सहायता से ₹91000 के शेयर खरीद सकते हैं।
इसे ही ‘leverage’ बोलते हैं।
‘MIS’ की सहायता से ‘leverage’ लेने के लाभ और नुकसान दोनों होते हैं।
जैसे, अगर रिलायंस के शेयर की प्राइस 5% बढ़ जाती है, तो आपको एक दिन में ₹4500 का लाभ होगा। यानी कि आपके ₹10000 की पूंजी पर 45% का रिटर्न मिला है।
वहीं दूसरी और अगर रिलायंस के शेयर की प्राइस 5% गिरती है, तो आपको एक ही दिन में ₹4500 का नुकसान होगा। अर्थात एक ही दिन में आपकी ₹10000 की पूंजी का 45% लॉस हो गया हैं।
जो लोग अनुभवी ट्रेडर्स होते हैं, वो जानते हैं की रिस्क को मार्केट में कैसे मैनेज करना है। इसलिए वो लोग अपने प्रोफिट के लिए ‘leverage’ का उपयोग करते हैं।
वही जो लोग शेयर मार्केट में नये होते हैं, वो लोग सोचते हैं कि हम लोग ‘leverage’ की सहायता से जल्दी पैसा कमा लेंगे, लेकिन वह लोग अंत में अपना सारा पैसा गवा देते हैं।
इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि ‘MIS’ से leverage लेने के अपने फायदे भी होते हैं और नुकसान भी होते हैं।
Benefits of MIS (MIS के फायदे)
MIS के निम्नलिखित फायदे मिलते हैं:
- No mandatory stop loss
- Auto-square off facility
- MIS basket advantage
- More OTM strikes
- Higher exposure
What is CNC (CNC क्या होता हैं)
CNC का अर्थ होता है ‘Cash and Carry’।
यह equity segment में Delivery के आधार पर शेयर खरीदने या बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला product code होता है।
जब कोई निवेशक ‘Cash and Carry’ विकल्प का उपयोग करके शेयर खरीदता है, तो शेयर Trading + 1-day (T+1 DAY) के आधार पर निवेशक के डीमैट खाते में स्थानांतरित कर दिए जाते हैं।
‘Cash and Carry’ विकल्प उन निवेशकों के लिए अच्छा होता है जो long term के लिए किसी कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं या कुछ दिनों के लिए इसे hold करना चाहते हैं।
CNC का उपयोग करने से, आपको कोई भी leverage नहीं मिलेगा, और ना ही आपकी position auto squared off होगी। आप CNC का उपयोग करके कोई short positions भी नहीं ले सकते हैं।
हालाँकि, आप इस product type का उपयोग करके अपनी होल्डिंग से स्टॉक sell सकते हैं।
यहाँ आप ध्यान रखे की CNC सिर्फ एक product type है। यदि आप same day किसी शेयर को खरीदने और बेचने के लिए CNC का उपयोग करते हैं, तब भी इसे intraday trade माना जाएगा, और ब्रोकरेज intraday के अनुसार लगाया जाएगा आपके ब्रोकर के द्वारा।
CNC Order Example
माना कि, यदि आप 10,000 रुपये के शेयर खरीदना चाहते हैं, तो आपके ट्रेडिंग खाते में पूरी राशि होनी चाहिए।
इसी तरह, यदि आप 100 शेयर बेचना चाहते हैं, तो वे आपके डीमैट खाते में उपलब्ध होने चाहिए।
तो अगर आपके पास 10000 रुपये हैं और आप किसी कंपनी के कुछ शेयर खरीदना चाहते हैं जिसकी कीमत 10 रुपये प्रति शेयर है, तो आप खरीद सकेंगे:
शेयरों की संख्या = राशि / प्रति शेयर मूल्य
शेयरों की संख्या = 10000 / 10
शेयरों की संख्या = 1000
इसलिये, आप 10000 रुपये के साथ 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 1000 शेयर खरीद सकते हैं।
Difference between CNC and MIS (CNC और MIS में क्या अंतर हैं?)
CNC और MIS product types हैं, जिनका उपयोग trade orders देते समय किया जाता है, जो निर्दिष्ट करते हैं कि आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं या स्टॉक की डिलीवरी ले रहे हैं।
CNC और MIS में निम्नलिखित अंतर हैं:
CNC | MIS |
CNC का मतलब होता हैं Cash and Carry | MIS का मतलब होता हैं Margin Intraday Square Off |
CNC का उपयोग delivery trading के लिए किया जाता है। | MIS का उपयोग intraday trading के लिए किया जाता है। |
यह केवल Cash Equity segment के लिए लागू होता हैं। | Equity, F&O, Currency और Commodity सभी सेगमेंट में लागू होता हैं। |
CNC ऑर्डर के लिए कोई leverage उपलब्ध नहीं है। | Equity MIS orders के लिए 5 गुना तक leverage उपलब्ध है। |
CNC product type का उपयोग करके Short- Selling की अनुमति नहीं है। | आप MIS product type का उपयोग करके Short- Selling कर सकते हैं, बशर्ते आप उसी दिन अपनी position को square off कर दें। जब तक आपके पास डीमैट खाते में स्टॉक नहीं है तब तक आप इसे CNC product type में नहीं बदल सकते है। |
CNC order के लिए कम ब्रोकरेज लगता हैं। | CNC order की तुलना में MIS order के लिए उच्च ब्रोकरेज। |
CNC order के लिए auto square off का कोई जोखिम नहीं होता हैं। | MIS order निर्दिष्ट समय के भीतर square off न किए जाने पर शुल्कों के साथ square off का जोखिम वहन करते हैं। |
What is NRML (NRML क्या होता हैं?)
NRML का मतलब Normal Margin होता हैं।
यह एक product code होता है, जिसका उपयोग futures and options के trades को carry forward करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति Nifty futures खरीदना चाहता है और कुछ दिनों के बाद बेचना चाहता है, तो वह NRML के रूप में product type चुनकर ऐसा कर सकता है।